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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बारूद के ढेर पर खड़ा पश्चिम बंगाल

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 वीरभूमि हिंसा में जिस तरह से पुलिस ने बड़े खतरनाक किस्म के बम बरामद किए हैं उससे एक चीज स्पष्ट हो रही है कि पश्चिम बंगाल अब कश्मीर के बाद देशद्रोहियों और अराजक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है जिस तरह से वहां देश विरोधी शक्तियां कहीं न कहीं तृणमूल कांग्रेस का समर्थन लेकर के आगे बढ़ रही हैं वह 1990 के कश्मीर की याद दिला रहे हैं विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई उससे एक चीज स्पष्ट हो गई थी कि वहां देशद्रोहियों के हौसले बुलंद हैं और उन्हें सत्ता का समर्थन प्राप्त है परंतु अब जब स्वयं तृणमूल कांग्रेस के ही लोगों की हत्या हो रही है और सरकार उसको छुपाने में लगी हुई है इससे स्पष्ट हो रहा है कि अब पानी सर से ऊपर जा रहा है और अब यह देश विरोधी शक्तियां यह अराजक तत्व सरकार से संभाले नहीं संभल रहे हैं अपने वोट बैंक बनाने के लालच में ममता बनर्जी ने जिस तरह से इन तत्वों को बढ़ावा दिया आज उन्हीं के लिए खतरा साबित हो रहे हैं और अगर  समय रहते ही इन पर नकेल ना कसी गई  तो यह 1990 का कश्मीर बनाने में देर नहीं लगाएंगे और 1 दिन ऐसा आएगा कि ममता बनर...

अखिलेश के नेता प्रतिपक्ष बनने के मायने

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  अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से समाजवादी पार्टी के विधान मंडल दल का नेता चुना गया तथा इसके पश्चात विधानसभा के सचिव ने अखिलेश यादव को नेता प्रतिपक्ष के रूप में नामित किया अब सवाल यह उठता है कि अखिलेश यादव ने  संसद सदस्य से इस्तीफा देकर के एक राज्य के विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बनने में अपनी भलाई समझी ऐसा क्यों? चूंकि अखिलेश यादव की पार्टी एक क्षेत्रीय पार्टी है इसलिए अखिलेश यादव अपने पार्टी को उत्तर प्रदेश में स्थापित रखना चाहते हैं और उत्तर प्रदेश में ही समाजवादी पार्टी का अस्तित्व प्रभावी  रूप से है इसलिए अखिलेश यादव ने यह महसूस किया कि यदि वे नेता प्रतिपक्ष बने रहेंगे तो सरकार की नीतियों की प्रखरता से आलोचना करेंगे और चूंकि उनके पार्टी को इस बार लगभग 125 के करीब सीटें मिली हैं तो विधानसभा में एक मजबूत विपक्ष की भूमिका भी अदा कर सकते हैं ऐसा करके वह अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर सकते हैं और अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने की कोशिश कर सकते हैं जैसा कि हम सब जानते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी उन्होंने एक के ब...

योगी सरकार पार्ट 2 के शपथ ग्रहण में दिखी 2024 की तैयारी

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   इकाना स्टेडियम में आयोजित योगी सरकार पार्ट 2 के शपथ ग्रहण में जिस तरह से 52  सदस्यों के मंत्रिमंडल का  गठन किया गया है उसमें 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारी दिख रही है जिस प्रकार केशव मौर्य के हारने के बावजूद उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया उससे स्पष्ट है कि पार्टी पिछड़ों को नाराज नहीं करना चाहती है इसी प्रकार ब्राह्मणों के तेजतर्रार एवं मिलनसार नेता बृजेश पाठक को  उपमुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय को साधने की कोशिश की है जबकि मुख्यमंत्री स्वयं क्षत्रिय हैं इसी तरह से दिनेश खटीक को मंत्री बनाकर पार्टी ने अनुसूचित जाति को खुश करने की कोशिश की है इसी प्रकार कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह को मंत्री बनाकर पार्टी ने लोध समुदाय को अपनी तरफ लाने की कोशिश की है वही संजय निषाद तथा आशीष पटेल को मंत्री बना करके पार्टी ने कुर्मी समाज और निषाद समाज को साधने की कोशिश की है इसी प्रकार यादव समाज वैश्य समाज एवं अन्य सभी जातियों के व्यक्तियों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया गया है जिस तरह से मंत्रिमंडल में जातियों को ध्यान में रखा गया है उसी प्रकार से योग्यता को...

योगी आदित्यनाथ भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए

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 लखनऊ में आयोजित भाजपा विधायक दल  की बैठक में योगी आदित्यनाथ को पुनः भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है गृहमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षक अमित शाह जी ने योगी आदित्यनाथ जी के नाम का प्रस्ताव रखा 25 मार्च को होने वाले मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से पूर्व यह भाजपा विधायक दल की बैठक हुई है और योगी सरकार के पार्ट 2 की शुरुआत कल यानी 25 मार्च को होगी योगी जी के दूसरे कार्यकाल में उनके सामने कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं जिनका उनको निस्तारण करना है और मोदी जी के मिशन 2024 का मार्ग प्रशस्त करना है विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी जी ने सभी विधायकों एवं उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षक एवं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया और कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी और उत्तर प्रदेश की जनता की आशाओं पर खरा उतरूंगा और उत्तर प्रदेश को एक समृद्धि एवं खुशहाल प्रदेश बनाने का प्रयत्न करूंगा

अनुपम शुक्ला बने विश्व हिंदू महासंघ गोंडा के जिला प्रभारी

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 अनुपम शुक्ला के हिंदुत्व के प्रति आस्था एवं हिंदू हितों की रक्षा के प्रति उनके समर्पण भाव को देखते हुए विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ जी के आशीर्वाद से एवं  प्रदेश अध्यक्ष श्री भिखारी प्रजापति जी के निर्देश पर मंडल प्रभारी अजय शुक्ला ने अनुपम शुक्ला को गोंडा जनपद का जिला प्रभारी नियुक्त किया है श्री अजय शुक्ला ने यह आशा व्यक्त की है कि शुक्ला जी विश्व हिंदू महासंघ को गोंडा जनपद में नई ऊर्जा देंगे ।

क्या बाहुबलियों को वाक ओवर देगी भाजपा?

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 हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में हो रहे विधान परिषद चुनाव पर सबकी नजर है विधान परिषद के पहले चरण के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया कल यानी 21 तारीख को समाप्त होगी परंतु अभी तक भाजपा ने वाराणसी मिर्जापुर और जौनपुर में अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है । ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अप्रत्यक्ष रूप से बनारस में बृजेश सिंह जौनपुर में धनंजय सिंह और मिर्जापुर में विनीत सिंह के लिए मैदान खाली छोड़ रही है कहीं ना कहीं बाहुबलियों ने भी बैक डोर से भाजपा में अपना रास्ता तलाश लिया है अब वह सीधे भाजपा में शामिल ना हो करके बल्कि भाजपा के सहयोगी दलों  अपना दल निषाद पार्टी के माध्यम से भाजपा में इंटर कर लेते हैं और अपना मुकाम हासिल कर लेते हैं।

मंजू सिंह बने गोंडा बलरामपुर क्षेत्र से भाजपा के विधान परिषद सदस्य प्रत्याशी

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 बहुत दिनों से चल रहे कयास को विराम देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह को गोंडा बलरामपुर विधान परिषद सदस्य प्रत्याशी घोषित किया है काफी समय से लोग कयास लगा रहे थे कि अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह जो कि तरबगंज के पूर्व विधायक रहे हैं और जिनकी क्षेत्र में अच्छी पैठ है उन्होंने विधायक पद के लिए क्यों नहीं दावेदारी प्रस्तुत की लोग अपने अपने तरीके से कयास लगा रहे थे कि पार्टी  मंजू सिंह को एमएलसी बनाएगी जो बात अंततोगत्वा सच साबित हुई।

सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद ब्राम्हण सत्ता में प्रभावहीन क्यों?

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 उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद ब्राम्हण सत्ता में प्रभावहीन क्यों है ? उत्तर प्रदेश में लगभग 22% की आबादी के साथ ब्राम्हण जातियों में सबसे नंबर 1 पर है बावजूद इसके ब्राह्मण सत्ता में प्रभावहीन है 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक ब्राह्मण विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे परंतु सत्ता की धुरी में ब्राह्मण नहीं है आखिर क्यों ब्राह्मण अपना प्रभाव समाज में खोता जा रहा है इसका मुख्य कारण है ब्राह्मणों में एकजुटता ना होना तथा ब्राह्मणों का कोई सर्वमान्य बड़ा नेता ना होना इसके अतिरिक्त अन्य जातियों से बेहतर तालमेल ना होना भी ब्राह्मणों की राजनीति में प्रभावहीन होने का एक मुख्य कारण है जिस दिन ब्राम्हण एक होकर अपना एक सर्वमान्य नेता बना लेगा तथा अन्य जातियों से बेहतर तालमेल स्थापित कर लेगा उस दिन पुनः ब्राम्हण उत्तर प्रदेश एवं देश की राजनीति में प्रभावशाली हो जाएगा तथा सत्ता उसके बगैर अधूरी रहेगी ।

योगी आदित्यनाथ की भगवा होली

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 उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत के बाद योगी आदित्यनाथ चार दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे जहां पर हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित शोभायात्रा में शामिल होकर उन्होंने भगवा होली खेली और अपने विरोधियों को साफ संदेश दिया कि जिस तरह उन्होंने पिछले कार्यकाल में शुद्ध हिंदुत्व का प्रदर्शन करते हुए अपना कार्यकाल पूरा किया उसी तरह वह अपने शुद्ध हिंदुत्व पर कायम रहते हुए  इस कार्यकाल को पूर्ण करेंगे गोरखपुर से लौटने के बाद योगी जी अपनी नई पारी का आगाज करेंगे और उत्तर प्रदेश के गुंडों माफियाओं और अनैतिक कार्य करने वालों के लिए काल बन कर वापस आएंगे योगी जी ने अपनी बातों में इसका उल्लेख भी किया कि अन्याय करने वाले और गुंडागर्दी करने वाले चाहे कितने ताकतवर हो उन्हें हिरण्यकश्यप की भांति पराजित होना ही होगा उनका अंत अवश्य होगा होली के बाद 21 या 22 मार्च को संभवत:योगी आदित्यनाथ अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं ऐसा माना जा रहा है कि लखनऊ के इकाना स्टेडियम में 21 या 22 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा

द कश्मीर फाइल्स बदलेगी देश की राजनीतिक स्थिति

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 हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने धूम मचा   दिया है कश्मीर फाइल को देखने वालों की लंबी कतार बनती जा रही है और जीरो ग्राउंड से लेकर के संसद तक इसकी  गूंज सुनाई दे रही है 1990 के दशक के बाद से पहली बार कश्मीर के निवासियों की पीड़ा को पूरे देश के सामने प्रस्तुत किया गया है और एक सच्चाई को सामने रखा गया है परंतु दुख की बात यह है कि इस सच्चाई को बाहर निकलने में इतना समय क्यों लग गया उसका कारण एक ही रहा है तत्कालीन सरकारें  जिन सरकारों ने मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण हिंदुओं पर हुए घोर अत्याचार को भी नजरअंदाज कर दिया और अपनी कुर्सी बचाने के जुगाड़ में लगे रहे लेकिन बहुत प्रतीक्षा के बाद भारत में एक ऐसी सत्ता आई है जिसने बिना किसी पक्षपात के हिंदुओं के ऊपर हुए अत्याचार और दुख को सार्वजनिक किया है और हिंदुओं को न्याय  दिलाने का प्रण भी किया है ऐसा लगता है कि इस फिल्म के रिलीज होने के बाद देश में राजनीतिक स्थिति में भी बहुत बदलाव देखने को मिलेगा और भारत की सत्ता में उसी पार्टी की सत्ता पुनः आएगी या वही पार्टी राज करेगी जो पक्षपात मुक्त भारत का निर्माण करेग...

देवीपाटन मंडल के चाणक्य साबित हुए ब्रज भूषण शरण सिंह

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उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी तथा भारतीय जनता पार्टी की कड़ी टक्कर देखने को मिल रही थी इससे यह अनुमान लगाना कठिन हो रहा था कि कौन सी पार्टी बढ़त बनाएगी और किसकी सरकार बनेगी ऐसे में तमाम सियासी धुरंधर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे थे इसी कड़ी में देवीपाटन मंडल की 20 सीटों की जिम्मेदारी संभाल कर और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को जोश से लबरेज करने वाले कैसरगंज सांसद ब्रज भूषण सिंह ने बड़े ही बुद्धिमता का परिचय देते हुए गोंडा की सभी सातों सीटों और देवीपाटन मंडल की 20 में से 16 सीटों पर विजय दर्ज कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जो लोग बृजभूषण शरण सिंह  की रणनीति को ध्वस्त करने का दावा कर रहे थे और अब की बार उनको पस्त करने का दावा कर रहे थे उनके सपने धरे के धरे रह गए और बृजभूषण शरण सिंह ने यह साबित कर दिया कि वह देवीपाटन मंडल के एकमात्र चाणक्य हैं और वह किसी भी हारी हुई बाजी को जीत में पलट सकते हैं

यूपी में खिला कमल तो पंजाब में चली झाड़ू

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 पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने लगे हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में कमल खिलाती हुई दिख रही है तो वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी का झाड़ू चलता हुआ दिख रहा है उत्तर प्रदेश भारत देश का सबसे बड़ा प्रदेश है जो केंद्र के चुनाव का रास्ता तय करता है इसलिए अब यह तय हो गया है कि 2024 में माननीय नरेंद्र मोदी की वापसी तय है और विपक्षियों का सारा समीकरण ध्वस्त होता नजर आ रहा है इसी तरह पंजाब में आम आदमी पार्टी की एक बंपर जीत यह दिखा रही है कि आने वाला भविष्य आम आदमी पार्टी का देश में ग्राफ बढ़ा सकता है और पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी बनाम आम आदमी पार्टी का चुनाव हो सकता है

क्या बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने वाला है!

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 लोकसभा  2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में 10 सीट पाने के बावजूद 2022 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह बहुजन समाज पार्टी पिछड़ती हुई दिख रही है उससे अब लोगों के मन में यह आशंका उठनी शुरू हो गई है कि क्या बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने वाला है उत्तर प्रदेश की जनता यह नहीं समझ पा रही है कि आखिर जो पार्टी 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई 2012 में मुख्य विपक्षी दल रही तथा 2017 में बड़े पैमाने पर रनर रही वह पार्टी आज बहुत पीछे जा चुकी है और समाप्त होने के कगार पर खड़ी है आखिर ऐसा क्या हुआ कि बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व संकट में आ गया है अगर हम नरेंद्र मोदी के कई ऐसे फैसलों पर ध्यान दें जिससे उन्होंने दलित समाज को भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खड़ा कर दिया है जैसे हरिजन एक्ट का पुनः लागू करना दलित समाज के लोगों की सुरक्षा पर ध्यान देना तथा  सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना जिससे गांव में दलित समाज के गरीबों को राशन सुगमता से मिल रहा है इसके अलावा गरीबों के लिए तमाम सारी योजनाओं का कार्यान्वयन करना  ऐसी प्रमुख बातें हैं जिससे दलित समाज कहीं ना कहीं नरेंद्र...

क्या अपनी नासमझी से यूक्रेन को तबाह कर देंगे जेलेंस्की

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 एक कहावत है बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए काम बिगाड़े आपनो जग में होत हंसाय यही कहावत इस समय यूक्रेन के ऊपर लागू हो रही हैं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जिस राजनीतिक अदूरदर्शिता का परिचय दिया है उससे पूरी दुनिया के देशों को एक सबक मिल गया है कि एक कुशल रणनीतिकार ही किसी देश को बचा सकता है अगर  अदूरदर्शी को देश का शासन सौंप दिया जाए तो देश का सत्यानाश कर देता है राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जिस तरह से रूस को हल्के में लिया रूस की धमकी नजर नजरअंदाज करते हुए उन्होंने बराबर उसको यूक्रेन पर हमला करने के लिए उकसाया उसका खामियाजा यूक्रेन को भुगतना पड़ रहा है अफगानिस्तान और उसके बाद यूक्रेन की घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि अमेरिका अब दुनिया की महाशक्ति नहीं रहा आज अमेरिका एक आम देश बन कर खड़ा हुआ है जो केवल तमाशा देख सकता है दुनिया में कहीं किसी भी देश पर हो रहे अत्याचार या अन्याय के खिलाफ बोल नहीं सकता वहीं दूसरी ओर रूस एक महाशक्ति बनकर उभरा है आज दुनिया में उसका दबदबा बढ़ा है और सारे देशों ने कहीं न कहीं रूस को महाशक्ति के रूप में मौन स्वीकृति दे दी है

दिखावा बनकर रह गया संयुक्त राष्ट्र संघ

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 द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना दुनिया में शांति बहाली के लिए हुई थी परंतु संयुक्त राष्ट्र संघ अब केवल एक दिखावा बनकर रह गया है जिस तरह रूस ने यूक्रेन पर  आक्रमण करके तहस-नहस करने का काम किया  है उससे संयुक्त राष्ट्र संघ की वैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है संयुक्त राष्ट्र संघ केवल कमजोर देशों में हस्तक्षेप करता है जबकि शक्तिशाली देशों के मामले में वह मूकदर्शक बनकर खड़ा हो जाता है अब दुनिया को यह फैसला करना होगा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अस्तित्व को रखा जाए या समाप्त किया जाए परंतु यूक्रेन और रूस युद्ध से एक बात तय हो गई है कि अब दुनिया में फिर से विस्तार वाद जन्म लेगा और छोटे देशों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है