क्या बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने वाला है!
लोकसभा 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में 10 सीट पाने के बावजूद 2022 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह बहुजन समाज पार्टी पिछड़ती हुई दिख रही है उससे अब लोगों के मन में यह आशंका उठनी शुरू हो गई है कि क्या बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने वाला है उत्तर प्रदेश की जनता यह नहीं समझ पा रही है कि आखिर जो पार्टी 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई 2012 में मुख्य विपक्षी दल रही तथा 2017 में बड़े पैमाने पर रनर रही वह पार्टी आज बहुत पीछे जा चुकी है और समाप्त होने के कगार पर खड़ी है आखिर ऐसा क्या हुआ कि बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व संकट में आ गया है अगर हम नरेंद्र मोदी के कई ऐसे फैसलों पर ध्यान दें जिससे उन्होंने दलित समाज को भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खड़ा कर दिया है जैसे हरिजन एक्ट का पुनः लागू करना दलित समाज के लोगों की सुरक्षा पर ध्यान देना तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना जिससे गांव में दलित समाज के गरीबों को राशन सुगमता से मिल रहा है इसके अलावा गरीबों के लिए तमाम सारी योजनाओं का कार्यान्वयन करना ऐसी प्रमुख बातें हैं जिससे दलित समाज कहीं ना कहीं नरेंद्र मोदी पर विश्वास करके उनके पक्ष में खड़ा हो गया है यही वजह है कि दलित समाज का मायावती पर विश्वास कम हो गया है और बहुजन समाज पार्टी का अस्तित्व संकट में आ गया है इसके अलावा मुस्लिम समाज का
बहुजन समाज पार्टी छोड़ देना तथा समाजवादी पार्टी को समर्थन करना जिसके कारण मुस्लिम समाज पूरी तरह से समाजवादी पार्टी के पक्ष में लामबंद हो गया है इस तरह से बहुजन समाज पार्टी के पास कोई वोट बैंक नहीं दिख रहा है यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी बहुत पिछड़ गई है और अपने अस्तित्व को बचाने का संघर्ष कर रही है
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