द कश्मीर फाइल्स बदलेगी देश की राजनीतिक स्थिति
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने धूम मचा दिया है कश्मीर फाइल को देखने वालों की लंबी कतार बनती जा रही है और जीरो ग्राउंड से लेकर के संसद तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है 1990 के दशक के बाद से पहली बार कश्मीर के निवासियों की पीड़ा को पूरे देश के सामने प्रस्तुत किया गया है और एक सच्चाई को सामने रखा गया है परंतु दुख की बात यह है कि इस सच्चाई को बाहर निकलने में इतना समय क्यों लग गया उसका कारण एक ही रहा है तत्कालीन सरकारें जिन सरकारों ने मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण हिंदुओं पर हुए घोर अत्याचार को भी नजरअंदाज कर दिया और अपनी कुर्सी बचाने के जुगाड़ में लगे रहे लेकिन बहुत प्रतीक्षा के बाद भारत में एक ऐसी सत्ता आई है जिसने बिना किसी पक्षपात के हिंदुओं के ऊपर हुए अत्याचार और दुख को सार्वजनिक किया है और हिंदुओं को न्याय दिलाने का प्रण भी किया है ऐसा लगता है कि इस फिल्म के रिलीज होने के बाद देश में राजनीतिक स्थिति में भी बहुत बदलाव देखने को मिलेगा और भारत की सत्ता में उसी पार्टी की सत्ता पुनः आएगी या वही पार्टी राज करेगी जो पक्षपात मुक्त भारत का निर्माण करेगी जो तुष्टीकरण नहीं करेगी और न्याय एवं जनहित की बात करेगी
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