क्या अपनी नासमझी से यूक्रेन को तबाह कर देंगे जेलेंस्की
एक कहावत है बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए काम बिगाड़े आपनो जग में होत हंसाय यही कहावत इस समय यूक्रेन के ऊपर लागू हो रही हैं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जिस राजनीतिक अदूरदर्शिता का परिचय दिया है उससे पूरी दुनिया के देशों को एक सबक मिल गया है कि एक कुशल रणनीतिकार ही किसी देश को बचा सकता है अगर अदूरदर्शी को देश का शासन सौंप दिया जाए तो देश का सत्यानाश कर देता है राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जिस तरह से रूस को हल्के में लिया रूस की धमकी नजर नजरअंदाज करते हुए उन्होंने बराबर उसको यूक्रेन पर हमला करने के लिए उकसाया उसका खामियाजा यूक्रेन को भुगतना पड़ रहा है अफगानिस्तान और उसके बाद यूक्रेन की घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि अमेरिका अब दुनिया की महाशक्ति नहीं रहा आज अमेरिका एक आम देश बन कर खड़ा हुआ है जो केवल तमाशा देख सकता है दुनिया में कहीं किसी भी देश पर हो रहे अत्याचार या अन्याय के खिलाफ बोल नहीं सकता वहीं दूसरी ओर रूस एक महाशक्ति बनकर उभरा है आज दुनिया में उसका दबदबा बढ़ा है और सारे देशों ने कहीं न कहीं रूस को महाशक्ति के रूप में मौन स्वीकृति दे दी है
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