बारूद के ढेर पर खड़ा पश्चिम बंगाल
वीरभूमि हिंसा में जिस तरह से पुलिस ने बड़े खतरनाक किस्म के बम बरामद किए हैं उससे एक चीज स्पष्ट हो रही है कि पश्चिम बंगाल अब कश्मीर के बाद देशद्रोहियों और अराजक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है जिस तरह से वहां देश विरोधी शक्तियां कहीं न कहीं तृणमूल कांग्रेस का समर्थन लेकर के आगे बढ़ रही हैं वह 1990 के कश्मीर की याद दिला रहे हैं विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई उससे एक चीज स्पष्ट हो गई थी कि वहां देशद्रोहियों के हौसले बुलंद हैं और उन्हें सत्ता का समर्थन प्राप्त है परंतु अब जब स्वयं तृणमूल कांग्रेस के ही लोगों की हत्या हो रही है और सरकार उसको छुपाने में लगी हुई है इससे स्पष्ट हो रहा है कि अब पानी सर से ऊपर जा रहा है और अब यह देश विरोधी शक्तियां यह अराजक तत्व सरकार से संभाले नहीं संभल रहे हैं अपने वोट बैंक बनाने के लालच में ममता बनर्जी ने जिस तरह से इन तत्वों को बढ़ावा दिया आज उन्हीं के लिए खतरा साबित हो रहे हैं और अगर समय रहते ही इन पर नकेल ना कसी गई
तो यह 1990 का कश्मीर बनाने में देर नहीं लगाएंगे और 1 दिन ऐसा आएगा कि ममता बनर्जी के हाथ से बंगाल निकल जाएगा और वह स्वयं भी कुछ नहीं कर पाएंगी ।
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