क्या शिवसेना की जगह स्थापित होगी मनसे ?

बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद से ही शिवसेना अपने मूल स्वरूप को खोती जा रही है । जहां बालासाहेब ठाकरे हिन्दू ह्रदय सम्राट माने जाते थे वहीं उद्धव ठाकरे ढुलमुल रवैया अपनाने लगे यही नहीं शिवसेना की धुर विरोधी कांग्रेस और NCP के साथ गठबंधन करके सरकार बनाया और हिंदुत्व के एजेंडे से समझौता कर लिया । इसी का फायदा उठाकर मनसे ने अपना एजेंडा हिंदुत्व पर केंद्रित कर दिया और अपना झंडा भगवा कर लिया । मनसे यहीं पर नहीं रुकी उसने हिंदुत्व को धार देते हुए मस्जिदों से माइक हटाने का फरमान जारी कर दिया और कहा है कि यदि 3 मई तक माइक न उतरे तो मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा पढ़ा जाएगा यानी कि हिंदुत्व के मुद्दे पर शिव सेना को घेर लिया है और उसको कोई मौका देने के मूड में नहीं है यदि शिवसेना मनसे की इस चाल का जबाब ना दे पायी तो मनसे शिवसेना से हिंदुत्व का एजेंडा छीनने में कामयाब हो जायेगी इससे महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति बदल जायेगी